Tuesday, August 11, 2009

मदिरा की होम डिलिवरी

सरकार दे रही है अब, पानी बचाओ के बाद समय बचाओ का नारा,
यानि ठेकों की लम्बी – लम्बी लाइनों से छुटकारा,
घर – घर शराब पहुँचने से शराबियों की तबियत खिलने लगेगी,
और पुलिस को भी कुछ राहत मिलने लगेगी,
अब पुलिस को किसी शराबी को गटर से निकालकर हस्पताल नही पहुँचाना है,
क्योकि उसे तो घर में ही पीनी है और वही लुढक जाना है,
और उसके लुढकने के बाद उसके बच्चे उस बची हुई अमृतधारा का स्वाद उठायेंगे,
और इस प्रकार पिता – पुत्र एक दिन, एक ही घर में एक ही छत के नीचे,
जाम से जाम टकरायेगें,
और इस प्रकार खत्म हो जायेगें, पिता पुत्र के रिश्ते, छोटे बड़े की दूरी,
एक दूसरे का सम्मान,
घर, घर नही रहेगा, रह जायेगा सिर्फ ईट पत्थर का एक मकान,
घर नही रहेगा, बन जायेगा एक शमशान ।।
घर नही रहेगा, बन जायेगा एक शमशान ।।

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