Tuesday, August 11, 2009

जैसे कर्म करेगा वैसे फल देगा भगवान

सालों साल पुराना किस्सा, सुन ले ओ नादान,
जैसे कर्म करेगा वैसा फल देगा भगवान,
ये गीता का ज्ञान, ये है गीता का ज्ञान ॥

बिन लादेन को तूने लादा, बना के उसको एक प्यादा,
काबुल हुआ काबू से बाहर, बन बैठा वो सबका दादा,
खुद का घर जब जलने लगा, तब फिर हाथ क्यूं मलने लगें,
अब तलिबान क्यूं खलने लगा, युद्ध की राह पे चलने लगा,
आतंकवाद की खान है वो कैसे कहें अफगान ,
जैसे कर्म करेगा वैसा फल देगा भगवान,

जहां अंधेरा ना होता, जहां पे मानव ना सोता,
बिल्डिंग नीचे आई है, सुरक्षा धता बताई है,
मानव लाश का ढेर लगा, चांदन को अंधेर लगा,
सब्र का प्याला भर ही गया, पानी सर से गुजर गया,
मेरा काम नहीं ये कहकर कैसे बचे शैतान,
जैसे कर्म करेगा वैसा फल देगा भगवान,

लोग हजारों जिसने मारे, मानव नहीं कसाई है,
बिल्डिंग नही गिराई उसने अपनी मौत बुलाई है,
अंत करें अब आओं मिलकर आतंकवाद के कोनो का,
धूल में भले मिला दे हम दुश्मन एक है दोनो का,
काश्मीर कोई नही खिलौना कर दें जिसको दान,
जैसे कर्म करेगा वैसे फल देगा भगवान,

दुश्मन सोचा करता था कि भारत पड़ा अकेला है ,
अब तुम समझो आंतकवाद को कैसे हमने झेला है,
दस सालों में मानवता को तिल-तिल मरते देखा है,
लगता था कि आतंकवाद के घर की सीमा रेखा है,
दुश्मन अब तो बच नही सकता दिल लिया ठान,
जैसे कर्म करेगा वैसे फल देगा भगवान,

अब विमान कंधार खड़ा था सप्ताह भर सदमें में रहे,
दर्द अकेले सहा था हमने, दो शब्द किसी ने नही कहें,
अमरीका पर हुआ जो हमला पूरी दुनिया खड़ी हुई,
उग्रवादियों को छोड़ने की हमकों आदत पड़ी हुई,
रुबिया कांड में भूल हुई थी हम निकले नादान,
जैसे कर्म करेगा वैसे फल देगा भगवान,

जिसको तुमने चाकू समझा जहर बुझा वो भला था,
जिस लादेन को ढूंढ रहा है तूने ही तो पाला था,
मेरी बिल्ली मुझे म्याऊँ करके जैसे जाती है,
अंत बुरे का बुरा ही होता तुझे समझ अब आती है,
पैंटागन की सबने देखी खत्म हो गयी शान,
जैसे कर्म करेगा वैसे फल देगा भगवान,

हाथ पसारे दो रोटी के, लिए नजर जो आता है,
हिम्मत देखो विश्व के दादा को भी आँख दिखाता है,
विश्व नाश आतंकवाद का सपना पड़ा अधूरा है,
लगता है अब तालिबान का समय हो गया पूरा है,
जननी जन्म भूमि का कोई कैसे सहे अपमान,
जैसे कर्म करेगा वैसे फल देगा भगवान,

एक दशक से कश्मीर में आतंकवाद का पहरा था,
हम चिल्लाते रहते थे पर, बना तू गूंगा बहरा था,
साथ मांग रहा तू जिसका, वही बिमारी की जड़ है,
गंगा उसमें चले ढूंढने जो नाली का कीचड़ है,
जब तक पाक है ख्त्म ना होगी आतंकवाद की तान,
जैसे कर्म करेगा वैसे फल देगा भगवान,

लाखो मारे जाने पर पड़ता अपने फर्क़ नहीं,
और अहिंसा परमो धर्म इसके सिवा कोई तर्क नही,
सेना के हम हाथ बांधकर आतंकवाद को रोते है,
जुल्म करे या जुल्म सहे जो दोनो दोषी होते है,
वरना सफल ये हो नही सकता उग्रवाद का प्लान,
जैसे कर्म करेगा वैसे फल देगा भगवान,

पाक एवं तालिबान एक है और दोनो की एक आत्मा,
आतंकवाद से छुटेगा पीछा दोनो का जब होगा खात्मा,
पाक दुध का धुला समझना होगी तेरी भयंकर भूल,
एक ही तड़पाएगा फिर ये, चुभा चुभा के तुझको शूल,
आज साथ लिया जो उसका कल काटेगा तेरे कान,
जैसे कर्म करेगा वैसे फल देगा भगवान,

पाक था साथी तलिबान का मौका देखा बदल गया,
बात चली कर्जे माफी की देखो कैसे फिसल गया,
तख्ता रोज पलटते हैं ये आत्मा इनकी मरी हुई,
गददारी इनकी नस-नस में कूट-कूट कर भरी हुई ,
इतिहास गवाही देता है, ये बाप की ले ले जान,
जैसे कर्म करेगा वैसे फल देगा भगवान,

आओ बुला ले पार्थ का, त्याग दे अपने स्वार्थ को,
दुश्मन नही है अमरीका के, भाई ही समझों भारत को,
दुश्मन की छाती पे चढें, आओं मिलकर युद्ध लड़े,
आतंकवाद की काट जड़े, विश्व शान्ति की ओर बढे,
साथ रहा जो भारत के होगा उसका कल्याण,
जैसे कर्म करेगा वैसे फल देगा भगवान,

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